इतनी कुर्बत है तो फिर फ़ासला इतना क्यों है है??
- कैफी आजमी ने कैसे रिश्तों के एक गूढ रहस्य पर हाथ रख दिया; 🤡यूं ही, ऐसे ही🤡, इस एक लाइन से।
शायर✍️ ऐसे ही जादूगर 🕵️नहीं होते…… लिखते-लिखते कई बार बार ऐसे ही 1 मैजिकल मोमेंट मोमेंट पर उंगली रख देते हैं।🤝
नजदीकी के साथ दूरी!
अपना जो पराया लगे;👭 पराया जो अपना लगे;👥
एक ही इंसान, एक साथ अजनबी और जिगरी दोनों👬👭………हमेशा से होता रहा है और होता रहेगा!!
ऊपर से आजकल एक नई चीज़ हो हो हो गई है,👺 जिससे एक ही रिश्ते के हजार टुकड़े हो जाते हैं 🤢और वह है *मल्टीपल कम्युनिकेशन प्लेटफार्म*📱📲........अरे वही WhatsApp 🎤इंस्टाग्राम🎥 Facebook 🎬स्नैपचैट 📸📷वगैरह।।
Hi, I'm Someone Like You.... और मेरे मन में एक curiosity है 🤔🤔कि क्या आपके साथ भी हुआ है कभी ऐसा.... कि सेम इंसान के साथ आप के तरह तरह के रिश्ते हो…… आमने-सामने एक; फोन पर दूसरा; WhatsApp पर तीसरा(often the most intimate in words); स्नैपचैट पर चौथा Facebook पर पांचवां और Instagramपर छठा...etc etc..
अकेले में अलग,👦 दोस्तों के सामने अलग,👫👬👭 घरवालों के सामने और अलग👨👩👧👨👩👧👦 और तो और अगर कोई इंटीमेट बेडरूम आस्पेक्ट हो उस रिश्ते में..👩❤️👩... तो वहां बिल्कुल ही अलग; और ईमेल पर…… बिल्कुल अलग बेस्ट रेगार्ड्स टाइप । 😂😂😂😂
क्या हम सबको मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर है???😱😰😵
या हम सब में इतनी झिझक आ गई😰😖😧😨😟 है कि हम सब एक होल सम कंप्लीट इंसान बनने के काबिल ही नहीं हैं?? it's scaring know.....😧😧😧 और simultaneously मज़ेदार भी।😋😎
मेरी एक और क्यूरोसिटी भी भी है🤔🤔स्पेशली for Men!!🤵 so all men; कृपया🙏 हम लड़कियों👰 को एक बार बता दीजिए कि आप यह अलग-अलग इंटरफ़ेस पर अलग-अलग टाइप के इंसान क्यों और कैसे बन जाते हैं???😇😇
जो बात आप WhatsApp📱 पर कहते हैं, वह आमने सामने नहीं कह पाते!! 👩❤️👨
जो चीज आप इनडायरेक्टली बयान करते हैं, वह डायरेक्ट शब्दों में नहीं बता पाते!!🙄😋
जो सच्चाई आपकी आंखों में साफ दिखती है, वह आप ज़ुबान से झुठला देते हैं!!👁️👅
जब आपको तकलीफ होती है😔, तब आप जोक मारते हैं;😁 जब आप बीमार होते हैं,🤧 तो आप फौलादी💪🏻 बन जाते हैं; जब डर लगता है,🙀 तो आप झगड़ा करते हैं!!🙅🙅
जब दर्द होता है,😓 तब मुस्कुराते हैं;😊 और जब सबसे कमजोर होते हैं🙀, तब सुपरमैन बन जाते हैं!!🕵️
जब कुछ कहना होता है,🗣️तब ख़ामोश हो जाते हैं;🙇
और जब खामोशी 🤐की जरूरत होती है होती है, तब नर्वसली बड़बड़ाते रहते हैं!!🗣️🗣️
जब होश नहीं कि आगे क्या करना चाहिए, तब दिखाते हैं कि सब मालूम है!!
जब सब मालूम होता है, तब अनजान बन बैठते हैं!!😝😝Dear Men of human species और इसके बाद आप हम औरतों को को कन्फ्यूज़िंग कहते हैं।। 😂😂
वाह जी वाह👍👍
जब आपने किसी बड़े हम्बल और फेमस इंसान के साथ वक्त बिताया हो तो यह एक सपना लगता है;💖💭💭 एक इल्यूजन, 💫💫it feels लाइक a dream……😴👼💭😳जस्ट लाइक a Miraj.......
लेकिन कभी-कभी हमारे आपसी रिश्ते💁🤝🤝🏻 भी मिराज के जैसे लगते हैं, illusion💫💞 के जैसे; जिसमें सच और झूठ के बीच में फर्क करना बड़ा मुश्किल हो जाता है। अपने और पराए में, जान और अनजान में; क्यों होता है ऐसा?? 😇😇
सिर्फ अलग-अलग कम्युनिकेशन चैनल की वजह से या कोई फ्रैक्चर हमारे अंदर भी है। 🤔🤔
जैसे आईने पर कोई कंकड़ फेको और स्पाइडर वेब की तरह उस पर क्रैक हो जाए💥💥 और फिर उस टूटे हुए आईने में अपनी शक्ल देखो, एक शख्स... पर अनेक चेहरे!!👓🕶️🤵🙇👱👦👨🙊 और फिर यह अलग-अलग चेहरे पहनकर हम दुनिया से मिलने निकलते हैं।🤖
वैसे अलग लोगों के लिए अलग चेहरा तो होता ही है, पर कई बार हम एक ही रिश्ते में अलग समय 📆पर अलग अलग चेहरे दिखाने लगते हैं; एंड आई एम नॉट टॉकिंग अबाउट बींग moody,,💁😴🙀 वह तो होता ही है; पर कुछ लोगों की तो पर्सनालिटी ही चेंज होती रहती है!! 😎😎
शायद यह वह लोग हैं जो अपनी फीलिंग्स के साथ कभी पूरी तरह कंफर्टेबल नहीं होते और इसीलिए हमेशा टुकड़ों में इंटरैक्ट करते रहते हैं।🤓😍🤡
आपने नरगिस की की उस फिल्म कल्ट का गाना सुना है है........ "रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है।" लगता है न के जानते हैं भी और नहीं भी जानते……🎼🎼🎵
क्या वो शे'र सुना है आपने..... "फ़ासला तो है मग़र कोई फ़ासला नहीं, मुझसे तुम जुदा सही दिल से तो जुदा नहीं।।"
-शमीम साहब की शायरी और जगजीत चित्रा की गजल फ्रॉम द एलबम समवन समवेयर……🎙️✍️ वैसे तो यह शेर कहीं और ले गए, पर मुद्दे की बात अब भी वही है कि कुछ लोगों के साथ रिश्ता होता भी है और नहीं भी; कभी वह बहुत करीब लगते हैं और कभी बहुत दूर।😢
एक ही इंसान के साथ करीब 10 तरीके के रिश्ते निभाते निभाते हम थक जाते हैं और भटक जाते हैं।🙀😿😿 शायद हमारी 21वीं सदी की यह प्रॉब्लम है।
" लव इज़ लाइक रिलीजन" इसको निभाने के लिए हमें तर्क को एक साइड रखना पड़ता है थोड़ा सा ब्लाइंड फेथ चाहिए दोनों के लिए;💞💞 पहला भगवान 📿🐅और दूसरा वह खास इंसान💓💓 और उसके लिए थोड़ा तो बुद्धू होना पड़ता है।
अच्छा चलो माना कि बुद्धू वर्ड पसंद पसंद नहीं-- तो नादान,भोले !!😊😊
"तुम कमसिन हो, नादान हो, भोली हो"- हमेशा यह गाना सुनकर मुझे ऐसा लगता है की अल्टीमेटली वह लड़की को डम्ब कह रहा है। 👻👻
और आज के इस एक्स्ट्रा स्मार्ट🤰💃 एज में हम डम्ब तो नहीं एजुकेशन है, ग्लोबल एक्सपोज़र है, वर्ल्ड व्यू है; इंटरनेट ने अलग-अलग कल्चर की दुनिया को आपस में समेट कर हमारे हाथ में दे दिया है। 🙌
🙋हम क्रिटिक कर सकते हैं, 🤷इवैल्यूएट कर सकते हैं, 🕹️शॉपिंग की तरह नापतोल कर देखते हैं।
हमारे अंदर जो लवर है, ठीक उसके पड़ोस में बैठा है जज।🤵😍⚖️
दोनों चेहरे हमारे हैं, जब अंदर का लवर बेहोशी में कह रहा है…… बाहों में ले लो मुझे 🔗🔗………उसी समय अंदर का जज कहता है तुमने आज डीओ नहीं लगाया मगर ;😂😂😂
अगर फिर अंदर जब यह लवर और जज आपस में लड़ रहे हैं, तो बाहर आखिर एक कन्फ्यूज्ड चेहरा ही होगा ना।😢😊☺️
दिलचस्प है,😉 मजेदार है,😊 इमोशनल रोलर कोस्टर होता है, 😙😇😇यह एक साथ एक ही वक्त पर एक ही इंसान की अलग-अलग दर्जनभर शक्सियत से रूबरू होना।
She keeps me guessing. She keeps me on my toes. She is so mysterious. He is so unpredictable...... और खुद को हम नोबेल प्राइज देते फिरते हैं इस इमोशनल चक्की में पिसने के लिए……बस यह देख लेना कि सिर्फ भूसा ना रह जाए आप का पिसते पिसते। 😎😉😉
Do let me know about your multiple personality characteristics.....👍😊